त्रिवेंद्र रावत सरकार ने यह शीतकालीन सत्र गैरसैंण में करवाने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि गैरसैंण में बहुत ठंड पड़ती है और इससे बुजुर्ग विधायकों को दिक्कत हो सकती है। सदन के सबसे बुजुर्ग विधायकों में से एक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल ने इसका विरोध किया और गैरसैंण में सत्र कराने की चुनौती दी। कांग्रेस के इस स्टैंड की हवा नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने यह कहकर निकाल दी थी कि गैरसैंण में ठंड पड़ती है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
इसके बाद हरीश रावत ने शीतकालीन सत्र शुरु होने के दिन 4 दिसंबर को ही गैरसैंण में धरना देने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने कहा कि 72 साल की उम्र में गैरसैंण में धरना देकर वह यह साबित करेंगे कि ठंड की वजह से दिक्कत नहीं होती। उन्होंने यह भी कह दिया था कि जो गैरसैंण नहीं जा सकता उसे विधायक बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
हरीश रावत सोशल मीडिया पर लगातार इस मुद्दे पर सक्रिय हैं. शनिवार को उन्होंने अल्मोड़ा स्थित अपने गांव मोहनरी से धूप में बैठकर गींठी खाते हुए एक वीडियो शेयर किया था और यह कहा था कि वह सबसे ठंडी जगहों पर रुककर गैरसैंण में ठंड का जवाब देंगे। अपने गांव में बैठकर उन्होंने कहा, "विकास का रास्ता ठंड के बीच से ही निकलेगा"।
गैरसैंण में उपवास को लेकर हरीश रावत लगातार सोशल मीडिया में पोस्ट कर रहे हैं। इसे लेकर हल्द्वानी में पत्रकारों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत से सवाल पूछा तो सीएम ने कहा, "हरीश रावत जी काफ़ी मोटे-तगड़े हो गए हैं इसलिए वह डायटिंग करने जा रहे हैं।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम के इस बयान को भी लपक लिया। उन्होंने कहा, "छोटे भाई त्रिवेंद्र रावत ने मोटापा कम करने के लिए धरना-उपवास का जो फॉर्मूला सुझाया है उसके लिए उनका शुक्रिया।" इसके साथ ही हरदा ने ऐलान कर दिया कि अब 4 दिसंबर को गैरसैंण में ही उपवास नहीं होगा बल्कि 5 दिसंबर को किसानों के बकाए के मुद्दे पर वह विधानसभा के सामने उपवास करेंगे।
हरदा ने चुटकी लेते हुए कहा है, "उन्होंने नहाने से पहले आज पेट देखा था. वाकई मोटा लग रहा है।"
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का गैरसैंण में धरने का ऐलान
देहरादून। गैरसैंण में शीतकालीन सत्र न करवाने के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के गैरसैंण में धरना देने के ऐलान ने नया मोड़ ले लिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरीश रावत के धरने के ऐलान पर चुटकी लेते हुए इसे डायटिंग के लिए दिया जा रहा धरना क़रार दिया था तो हरीश रावत ने नहले पर दहला मारते हुए 5 तारीख को देहरादून में भी धरना देने का ऐलान कर दिया। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि वह तीन दिन कुमाऊं-गढ़वाल के सबसे ठंडे गांवों में रुककर यह बताएंगे कि ठंड से कोई दिक्कत नहीं है।